सफर भी जिंदगी का, नए मोड़ लेता है
उलझता हू जब, खुद ही सुलझा देता है,
एक रास्ता बंद, तो दूसरा खोल देता है,
सफर भी जिंदगी का नए मोड़ लेता है।
उलझता हू जब, खुद ही सुलझा देता है,
एक रास्ता बंद, तो दूसरा खोल देता है,
सफर भी जिंदगी का नए मोड़ लेता है।
अजब है परखने का, तरीका भी इसका
ठहर कर, जैसे थोड़ा संवरने लगता हूं
बीच रास्ते में, यह आइने लगा देता है
सफर भी जिंदगी का, नए मोड़ लेता है।
ठहर कर, जैसे थोड़ा संवरने लगता हूं
बीच रास्ते में, यह आइने लगा देता है
सफर भी जिंदगी का, नए मोड़ लेता है।
by- राहुल